पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
Shiv Chalisa is actually a “forty verse” prayer which praises the Lord and asks for his assist in eradicating hardships and hurdles in devotee’s daily life.
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, Shiv chaisa मंगल मूल सुजान ।
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।
अर्थ: हे more info अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार shiv chalisa lyricsl जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।
शिव पंचाक्षर स्तोत्र
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